'बारिश’ का सीजन जितना 'रोमांचक’ लगता है, उतना ही मुश्किल भरा भी होता है। 'स्वास्थ्य’ के परिपेक्ष्य में तो और भी मुश्किल, क्योंकि अधिकांश लोगों को यह मौसम 'बीमारियों’ की चपेट में भी ले लेता है। इस मौसम में अगर रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बनाया रखना है तो 'पोषक तत्वों’ से भरपूर खाने के अलावा फलों का निरंतर सेवन भी हेल्दी स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। डॉक्टर तो यहां तक बताते हैं कि अगर, इस मौसम में तीन फलों का निरंतर सेवन हो तो वह बहुत ही लाभप्रद है। इसमें 'अमरूद’, 'मौसंबी’ और 'नाशपाती’ जैसे फल शामिल हैं। इन फलों में मौजूद 'पौष्टिक’ और 'एंटी ऑक्सीडेंट’ तत्व न केवल शरीर में ऊर्जा संतुलन के लिए महत्पूण हैं, बल्कि शरीर से 'विषाक्त पदार्थों’ को बाहर निकालने में भी इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कुल मिलाकर उक्त तीनों फल मानसून में सेहत के बहुत अच्छे साथी होते हैं। आइए इन फलों के सेवन, इनके फायदे और इनको खाने को लेकर सावधानियों के बारे जान लेते हैं।
अमरूद
यह फल कई विमाटिनों से भरा होता है। अगर, मानसून के सीजन में इसका सेवन किया जाए तो यह शरीर के लिए सुरक्षा गार्ड की तरह काम करता है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि अमरूद में संतरे की तुलना विटामिन-सी और सेब तथा केले की तुलना में पोटेशियम कहीं अधिक मात्रा में पाया जाता है। अमरूद में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी के अलावा बीटामैरोटीन, लाइकोपीन,फोलिक एसिड, पोटेशियम, फाइबर, निकोटिन, आयरन व कैल्शियम जैसे कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं। ये शरीर को फिट और स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन सब तत्वों से रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
अमरूद के फायदे
अमरूद की पौष्टिकता जानने के बाद अब हम इसके फायदों के बारे में जान लेते हैं। अमरूद दस्त, पेचिश व पेट के कीड़ों के इलाज के लिए बेहद उपयोगी होता है, क्योंकि यह मल त्याग को विनियमित करने और आंतों को ठीक से साफ करने में मदद करता है। भूख में सुधार करता है। अमरूद खाने से अपाचन की समस्या भी दूर हो जाती है। इसका एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि इसका रस फेफड़ों में बलगम बनने से रोकता है और सांस नली के संक्रमण को कम करता है। इसके सेवन इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण, डेंगू बुखार की रोकथाम व गले की खराश को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है। इसमें मौजूद एस्ट्रीजेंट तत्व त्वचा को स्वस्थ व चमकदार भी बनाता है। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि अमरूद तत्वा की बनावट में सुधार लाने में भी मदद करता है। मुंहासों, फोड़े-फंसियों व तत्वा संबंधी अन्य विकारों से छुटकारा पाने का यह रामवाण इलाज है।
यह बरतें सावधानी
अमरूद पोषक तत्वों की खान तो है, लेकिन इसके सेवन को लेकर एहतियात बरतने की भी जरूरत होती है। एक दिन में महज दो ही अमरूद खाने चाहिए, क्योंकि जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, वह दो अमरूदों से ही भरपूर मात्रा में मिल जाती है।
मौसंबी
'मौसंबी’ तो वैसे ही सदाबहार फल है, लेकिन मानसून के सीजन में इसका सेवन काफी फायदा देता है। जूझ के तौर पर मौसंबी का सेवन किया जाना चाहिए। खट्टे-मीठे स्वाद वाली मौसंबी का जूझ तो सदियों से चिकित्सीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसीलिए इसकी उपयोगी आज भी वैसी-ही बनी हुई है। यह फल भी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इस फल में विटामिन-सी का भंडार होता है। इसके अलावा विटामिन ए, बी, कॉम्प्लेक्स, फ्लेवोनॉयड, अमीनो एसिड, कैल्शियम, ऑयोडीन, फॉस्फोरस, सोडियम, मैगजीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुणों की वजह से मानसून के सीजन में इस फल के सेवन को बहुत अच्छा माना जाता है।
मौसंबी के फायदे
इस फल के सेवन से 'कोलेस्टàाल’ के स्तर और उच्च रक्तचाप में नियंत्रण रहता है, क्योंकि इसमें पोटेशियम, फोलिक एसिड और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है। इन्हीं तत्वों की वजह से कोलेस्ट्राल और 'उच्च रक्तचाप’ को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। चिकित्सकों के अनुसार ये तत्व रक्त कोशिकाओं में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन रखने में सहायक होते हैं। पोटेशियम मस्तिष्क में ऑक्सीजन का संचार करता है, जिससे तनाव में राहत मिलती है। इस फल में पाए जाने वाले फ्रक्टोज, डेक्स्ट्रोज जैसे खनिज पदार्थों के पाए जाने की वजह से शरीर में ऊर्जा का संचरण होता रहता है। इससे ह्दय तथा मस्तिष्क को नई ऊर्जा और ताजगी भी मिलती रहती है।
ये बरतें सावधानी
मौसंबी का अधिक सेवन शरीर में कैल्शियम की मात्रा को घटा सकता है। इसकी वजह से हड्डियों और दांतों से संबंधित दिक्कत बढ़ जाती है। इसका अधिक सेवन करने से गले में बलगम भी अधिक मात्रा में बनने लगता है। नाशपाती
मानसून के सीजन में एक और तीसरा महत्वपूर्ण फल है, वह है 'नाशपाती’। नाशपाती का सेवन भी शरीर में ऊर्जा का संचारण भरपूर मात्रा में करता है। इस फल में सेब की तरह ही औषधीय गुण पाए जाते हैं। चिकित्सक बताते हैं कि खनिज, विटामिन्स, एंजाइम और हाइपो-एलज्ॉनिक गुणों के कारण नाशपाती हमारे शरीर में रक्त कॉलेस्ट्रॉल और सेलूलोज के स्तर और मधुमेह को नियंत्रित करता है। नियमित रूप से 'नाशपाती का जूझ’ पीने से आंतों की गड़बड़ी में भी सुधार होता है और यह संक्रामक रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। चिकित्सकों के अनुसार सोबिटोल अतिरिक्त फाइबर पाचन प्रणाली को नियंत्रित करने में मदद करता है और कब्ज, दस्त जैसे पेट से संबंधित दिक्कतों को दूर करता है।
फायदे
नाशपाती को सामान्य तरीके से भी खा सकते हैं। इसका जूझ और भी महत्व रखता है, क्योंकि नाशपाती का जूझ प्राकृतिक ऊर्जा का महहत्वपूर्ण स्रोत होता है, जिसमें काफी मात्रा में ग्लूकोज और फ्रक्टोज ऊर्जा में तब्दील हो जाता है। इसके जूझ में शीतलता होती है, जिसकी वजह से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। इसके सेवन से बुखार, खांसी और कफ को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।
सावधानी
नाशपाती को अच्छी तरह से धोकर खाए। इसे छिलके समेत सावधानी से चबा-चबाकर खाना चाहिए। यह काफी फायदेमंद होता है।